Hindi vyakaran - hindi grammar
इस पोस्ट में hindi vyakaran जिसे अंग्रेजी में hindi grammar भी कहते है, का अध्यन करने वाले है।
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Hindi vyakaran |
hindi grammar
जैसा की हम सब जानते hindi भाषा भारत की सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा है।ऐसे में hidni भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों को जाने के लिए hindi grammar का अच्छे तरीके से अध्यन करना बहुत जरूरी है
तो दोस्तों इस पोस्ट में हमने hindi grammar से संबंधित सभी टॉपिक को अलग-अलग भागों में वर्गीकृत करके उदाहरण सहित समझाया है।
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Hindi vyakaran - hindi grammar
sngya (संज्ञा )
sngya ki paribhasha (संज्ञा की परिभाषा)
sangya kise kehte hain? (संज्ञा किसे कहते हैं ?)
किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, स्थिति, गुण या भाव के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को संज्ञा कहते हैं ।
जैसे- लखनऊ गोमती किनारे बसा है । क्रोध इंसान को पागल बना देता है ।
जैसे- लखनऊ गोमती किनारे बसा है । क्रोध इंसान को पागल बना देता है ।
लखनऊ शहर का नाम है । इंसान जाति का सूचक है । गोमती नदी का नाम है । क्रोध भाव को दर्शाता है । ये सभी संज्ञा ही हैं ।
sngya ki paribhasha (संज्ञा की परिभाषा)
sangya in hindi
- संज्ञा शब्द प्राणीवाचक या अप्राणीवाचक हो सकते हैं ।
- जैसे- बालक, चिड़िया, बैल इत्यादि प्राणिवाचक है । दाल, चावल, टेबुल इत्यादि अप्राणिवाचक हैं ।
- संज्ञा शब्द गणनीय या अगणनीय हो सकते हैं ।
- जैसे- आम,सेब,पेड़ इत्यादि गिने जा सकते हैं । लेकिन पानी, हवा, आग इत्यादि को नहीं गिना जा सकता है ।
- संज्ञा पद वाक्य में कर्ता,कर्म, पूरक आदि की भूमिका निभा सकता है ।
- जैसे- प्रशांत पढ़ रहा है । उसने लक्ष्मण को पढ़ाया । इन वाक्यों में प्रशांत के रुप संज्ञा कर्ता है और लक्ष्मण कर्म है ।
- संज्ञा पद के बाद परसर्ग आ सकते हैं ।
- जैसे- कुर्सी पर, आँगन का, पंखा में
- संज्ञा के पहले विशेषणों का प्रयोग हो सकता है ।
- जैसे- लंबी लड़की, काला बेल्ट, छोटी छत इत्यादि
sangya ke bhed (संज्ञा के भेद)
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
sangya ke bhed (संज्ञा के भेद)
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा-
जिस शब्द से किसी एक विशेष व्यक्ति, प्राणी, वस्तु या स्थान का बोध होता है ।जैसे- मुनष्यों के नाम- प्रियंका, मुकेश, कैलाश, प्रशांत, निशांत, अंजू, सुधा, वीणा इत्यादि प्राणियों के नाम- कामधेनू (गाय का नाम), एरावत (हाथी का नाम) वस्तुओं के नाम- मिर्च (मसाला का नाम), गांडीव (घनुष का नाम) स्थानों के नाम- पटना, भोपाल, लखनऊ, दिल्ली, हरिद्वार, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब इत्यादि
2. जातिवाचक संज्ञा-
जिस शब्द का संबंध जाति से हो ।जैसे- मनुष्य, नदी, पहाड़, नगर, राज्य, देश इत्यादि ।
3. द्रव्यवाचक संज्ञा-
वैसे शब्द जो द्रव्य या पदार्थों का बोध कराते हैं ।जैसे- पानी, स्टील, सोना, लकड़ी, ऊन, प्लास्टिक, चीनी इत्यादि ।
4. समूहवाचक संज्ञा-
जैसे- कक्षा, सेना, टीम, भीड़ इत्यादि ।
5. भाववाचक संज्ञा-
जैसे- सुंदरता, प्यार, ईमानदारी, बचपन, क्रोध इत्यादि ।
नोट- जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण और अव्यय से भी भाववाचक बनाए जाते हैं ।
जैसे- दोस्त से दोस्ती, अहं से अहंकार, ऊपर से ऊपरी इत्यादि ।
Synonyms in hindi (पर्यायवाची)
synonyms meaning in hindi
synonyms (पर्यायवाची ) paryayvachi shabd से तात्पर्य ऐसे शब्दों से है, जिनका एक ही अर्थ निकलता हो। निचे पांच उदाहरण के साथ इन paryayvachi shabd को समझा जा सकता है।
- आग- अग्नि,अनल,पावक ,दहन,ज्वलन,धूमकेतु,कृशानु ।
- अमृत-सुधा,अमिय,पियूष,सोम,मधु,अमी।
- असुर-दैत्य,दानव,राक्षस,निशाचर,रजनीचर,दनुज।
- अश्व - वाजि,घोडा,घोटक,रविपुत्र ,हय,तुरंग ।
- आम-रसाल,आम्र,सौरभ,मादक,,सहुकार ।
Idioms in hindi (मुहावरे और उनका प्रयोग)
muhavare (मुहावरे)
- अंग-अंग मुसकाना-(बहुत प्रसन्न होना)- आज उसका अंग-अंग मुसकरा रहा था।
- अंग-अंग टूटना-(सारे बदन में दर्द होना)-इस ज्वर ने तो मेरा अंग-अंग तोड़कर रख दिया।
- अंग-अंग ढीला होना-(बहुत थक जाना)- तुम्हारे साथ कल चलूँगा। आज तो मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा है।
- अक्ल का दुश्मन-(मूर्ख)- वह तो निरा अक्ल का दुश्मन निकला।
One Word Substitution in hindi (अनेक शब्दों के लिए एक शब्द)
- जिसका जन्म नहीं होता = अजन्मा
- पुस्तकों की समीक्षा करने वाला = समीक्षक , आलोचक
- जिसे गिना न जा सके = अगणित
- जो कुछ भी नहीं जानता हो = अज्ञ
- जो बहुत थोड़ा जानता हो = अल्पज्ञ
Antonyms In Hindi (विलोम)
vilom shabd
- अल्पायु = दीर्घायु
- आश्रित = निराश्रित
- अरुचि = रुचि
- आरंभ = अंत
- अवनति = उन्नति
(अनेकार्थी शब्द)
anekarthi shabd
- अरुण - लाल ,सूर्य का सारथि ,सूर्य
- अज - दशरथ के पिता ,बकरा ,ब्रह्मा
- अर्णव - समुंद्र ,सूर्य ,इंद्र
- आम - आम का फल ,सर्वसाधारण
(वाक्य अशुद्धि शोधन)
वाक्य अशुद्धि शोधन = सार्थक एवं पूर्ण विचार व्यक्त करने वाले शब्द समूह को वाक्य कहा जाता है ! प्रत्येक भाषा का मूल ढांचा वाक्यों पर ही आधारित होता है ! इसलिए यह अनिवार्य है कि वाक्य रचना में पद -क्रम और अन्वय का विशेष ध्यान रखा जाए ! इनके प्रति सावधान न रहने से वाक्य रचना में कई प्रकार की भूलें हो जाती हैं ! वाक्य रचना के लिए अभ्यास की परम आवश्यकता होती है !
-वह काना है । - आप शनिवार के दिन चले जाएं । | - वह आंख से काना है । - आप शनिवार को चले जाएं । |
(उच्चारणगत अशुद्धियाँ )
उच्चारणगत अशुद्धियाँ = बोलने और लिखने में होने वाली अशुद्धियाँ प्राय: दो प्रकार की होती हैं|
- व्याकरण सम्बन्धी तथा उच्चारण सम्बन्धी , यहाँ हम उच्चारण एवं वर्तनी सम्बन्धी महत्वपूर्ण त्रुटियों की ओर संकेत करंगे , ये अशुद्धियाँ स्वर एवं व्यंजन और विसर्ग तीनों वर्गों से सम्बन्धित होती हैं , व्यंजन सम्बन्धी त्रुटियाँ वर्तनी के अन्तर्गत आ गई हैं , नीचे स्वर एवं विसर्ग सम्बन्धी अशुद्धियों की और इंगित किया गया है !
अशुद्धियाँ और उनके शुद्ध रूप -
स्वर या मात्रा सम्बन्धी अशुद्धियाँ -
अ ,आ सम्बन्धी भूलें -
स्वर या मात्रा सम्बन्धी अशुद्धियाँ -
अ ,आ सम्बन्धी भूलें -
अहार अजमायश | आहार आजमाइश |
तो दोस्तों इस पोस्ट में हमने पढ़ा Hindi vyakaran - hindi grammar जिसका अध्यन करना हमारे लिए आवयशक है।
Very good information
ReplyDeleteShukriya bhai
DeleteKeep supporting
Hindi vyakarn ke liye achhi post hai bhai
ReplyDeleteHii
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