लेखांकन किसे कहते है? accounting meaning in hindi
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accounting meaning in hindi
basic accounting
लेख एवं अंकन दो शब्दों के मेल से वने लेखांकन(accounting) में लेख से मतलब लिखने से होता है तथा अंकन से मतलब अंकों से होता है । किसी घटना क्रम को अंकों में लिखे जाने को लेखांकन (Accounting)कहा जाता है ।
किसी खास उदेश्य को हासिल करने के लिए घटित घटनाओं को अंकों में लिखे जाने के क्रिया को लेखांकन कहा जाता है । यहाँ घटनाओं से मतलब उस समस्त क्रियाओं से होता है जिसमे रुपय का आदान-प्रदान होता है ।
examples
किसी व्यवसाय में बहुत बार वस्तु खरीदा जाता है, बहुत बार विक्री होता है । खर्च भी होता रहता है आमदनी भी होता रहता है, कुल मिलाकर कितना खर्च हुआ कितना आमदनी हुआ किन-किन लोगों पर कितना वकाया है तथा लाभ या हानि कितना हुआ, इन समस्त जानकारियों को हासिल करने के लिए व्यवसायी अपने वही में घटित घटनाओं को लिखता रहता है । यही लिखने के क्रिया को लेखांकन कहा जाता है । अतः व्यवसाय के वित्तीय लेन-देनों को लिखा जाना ही लेखांकन है ।
2.वर्गीकरण (Classification)
वर्गीकरण (Classification) :अभिलेखित मदों को अलग-अलग भागो में विभाजित कर लिखे जाने के क्रिया को वर्गीकरण कहा जाता है । वर्गीकरण को खाता (Ledger) भी कहते हैं ।
3.संक्षेपण (Summarising)
संक्षेपण (Summarising) :वर्गीकृत मदो को एक जगह लिखे जाने के क्रिया को संक्षेपण कहा जाता है । संक्षेपण को परीक्षासूची (Trial balance) भी कहते हैं ।
accounting needs
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आधुनिक युग में व्यवसाय के आकर में वृद्धि के साथ-साथ व्यवसाय की जटिलताओं में भी वृद्धि हुई है। व्यवसाय का संबंध अनेक ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं तथा कर्मचारियों से रहता है और इसलिए व्यावसायिक जगत में सैकड़ों, हजारों या लाखों लेन-देन हुआ करते हैं। सभी लेन-देन हुआ करते हैं। सभी लेन-देनों को मैखिक रूप से याद रखना कठिन व असम्भव है। हम व्यवसाय का लाभ जानना चाहते हैं और यह भी जानना चाहते हैं कि उसकी सम्पत्तियाँ कितनी हैं, उसकी देनदारियाँ या देयताएँ कितनी हैं, उसकी पूँजी कितनी है आदि-आदि। इन समस्त बातों की जानकारी के लिए लेखांकन(accounting) की आवश्यकता पड़ती है।
लेखांकन की निम्नलिखित विशेषताएँ है :
- लेखांकन व्यवसायिक सौदों के लिखने और वर्गीकृत करने की कला है ।
- विश्लेषण एवं निर्वचन की सूचना उन व्यक्तियों को सम्प्रेषित की जानी चाहिए जिन्हें इनके आधार पर
- निष्कर्ष या परिणाम निकालने हैं या निर्णय लेने हैं।
- यह सारांश लिखने, विश्लेषण और निर्वचन करने की कला है।
- सौदे मुद्रा में व्यक्त किये जाते हैं।
- ये लेन-देन पूर्ण या आंशिक रूप से वित्तीय प्रकृति के होते हैं ।
Profit of accounting
- कोई भी व्यक्ति कितना भी योग्य क्यों न हो, सभी बातों को स्मरण नहीं रख सकता है। व्यापार में प्रतिदिन सैकड़ों लेन-देन होते हैं, वस्तुओं का क्रय-विक्रय होता है। ये नकद और उधार दोनों हो सकते हैं। मजदूरी, वेतन, कमीशन, आदि के रूप में भुगतान होते हैं। इन सभी को याद रखना कठिन है। लेखांकन इस आभाव को दूर कर देता है।
- लेखांकन से व्यवसाय से संबंधित कई महत्वपूर्ण सूचनाएँ प्राप्त होती हैं जैसे :
- लाभ-हानि की जानकारी होना।
- सम्पत्ति तथा दायित्व की जानकारी होना ।
- कितना रुपया लेना है और कितना रुपया देना है ।
- व्यवसाय की आर्थिक स्थिति कैसी है, आदि।
- अन्य व्यापारियों से झगड़ें होने की स्थिति में लेखांकन अभिलेखों को न्यायालय में प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। न्यायालय प्रस्तुत किये लेखांकन को मान्यता प्रदान करता है।
- वित्तीय लेखा से कर्मचारियों के वेतन, बोनस, भत्ते, आदि से संबंधित समस्याओं के निर्धारण में मदद मिलती है।
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